Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
16 Feb 2024 · 1 min read

*होय जो सबका मंगल*

जंगल, नदिया, खेत हैं, बाग, ताल अरु कूप।
‘भारत’ ठंडी छाँव है, किन्तु ‘इंडिया’ धूप।।
किन्तु इंडिया धूप, छाँव तक को मन तरसे,
प्रीत-नेह का मेह, यहाँ फिर कैसे बरसे?
कह ‘पूनम’ कर कर्म, होय जो सब का मंगल,
नगर, गाँव तो दूर कि हर्षाये वन, जंगल।।

4 Likes · 2 Comments · 978 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Poonam Matia
View all
You may also like:
ज़रा सी  बात में रिश्तों की डोरी  टूट कर बिखरी,
ज़रा सी बात में रिश्तों की डोरी टूट कर बिखरी,
Neelofar Khan
दुनियां का सबसे मुश्किल काम है,
दुनियां का सबसे मुश्किल काम है,
Manoj Mahato
।।
।।
*प्रणय*
"" *अहसास तेरा* ""
सुनीलानंद महंत
इतना मत इठलाया कर इस जवानी पर
इतना मत इठलाया कर इस जवानी पर
Keshav kishor Kumar
ज़िंदगी कुछ भी फैसला दे दे ।
ज़िंदगी कुछ भी फैसला दे दे ।
Dr fauzia Naseem shad
Every moment has its own saga
Every moment has its own saga
अमित
दर्द इन्सान को
दर्द इन्सान को
हिमांशु Kulshrestha
शब्दों की रखवाली है
शब्दों की रखवाली है
Suryakant Dwivedi
कुछ कहती है, सुन जरा....!
कुछ कहती है, सुन जरा....!
VEDANTA PATEL
क्या लिखूँ
क्या लिखूँ
Dr. Rajeev Jain
*निंदिया कुछ ऐसी तू घुट्टी पिला जा*-लोरी
*निंदिया कुछ ऐसी तू घुट्टी पिला जा*-लोरी
Poonam Matia
कल आंखों मे आशाओं का पानी लेकर सभी घर को लौटे है,
कल आंखों मे आशाओं का पानी लेकर सभी घर को लौटे है,
manjula chauhan
प्यार से मिला करो
प्यार से मिला करो
Surinder blackpen
प्रेम
प्रेम
Dinesh Kumar Gangwar
💐*एक सेहरा* 💐
💐*एक सेहरा* 💐
Ravi Prakash
जब मायके से जाती हैं परदेश बेटियाँ
जब मायके से जाती हैं परदेश बेटियाँ
Dr Archana Gupta
उदास हूं मैं आज...?
उदास हूं मैं आज...?
Sonit Parjapati
नाचेगी धरती, झुमेगा गगन,
नाचेगी धरती, झुमेगा गगन,
Shashi kala vyas
"आपकी अदालत"
Dr. Kishan tandon kranti
महकती यादें
महकती यादें
VINOD CHAUHAN
वो गुलशन सा बस बिखरता चला गया,
वो गुलशन सा बस बिखरता चला गया,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
मेरे राम
मेरे राम
Ajay Mishra
वक्त पड़े तो मानता,
वक्त पड़े तो मानता,
sushil sarna
Love night
Love night
Bidyadhar Mantry
दीपक इसलिए वंदनीय है क्योंकि वह दूसरों के लिए जलता है दूसरो
दीपक इसलिए वंदनीय है क्योंकि वह दूसरों के लिए जलता है दूसरो
Ranjeet kumar patre
मन हर्षित है अनुरागमयी,इठलाए मौसम साथ कई।
मन हर्षित है अनुरागमयी,इठलाए मौसम साथ कई।
पूर्वार्थ
मुझ को किसी एक विषय में मत बांधिए
मुझ को किसी एक विषय में मत बांधिए
सुशील मिश्रा ' क्षितिज राज '
प्रेम किसी दूसरे शख्स से...
प्रेम किसी दूसरे शख्स से...
ब्रजनंदन कुमार 'विमल'
3236.*पूर्णिका*
3236.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
Loading...