Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
24 Jan 2024 · 1 min read

होना

खुद को काफ़ में महदूद कर बे- नाम -ओ – निशाँ होना
तुम्हें आसान लगता है मिरा मुंतख़ब रूह-ओ-रवाँ होना

इब्तिदा से हसरत पाला नफ़रत तीरगी रंजिस मिटाना
मसलन दस्तियाब कर रहा हूं इल्म तमस में अयाँ होना

कोई चाहे भी तो जान नहीं सकता इक कतरा भी मिरा
उघड़ते उघड़ते इस जहान सीख गया राज़-ए-निहाँ होना

साजिश गोला बारूद ये अज़ाब ओ शबाब सब फ़ुज़ूल
अब मुहाल है मिरा यार कागज़ ओ क़्लब से रायगाँ होना

मौत , नफ़रत , तन्हाई अज़ाब सब सुकूँ है इसके सामने
साहब किसी जहन्नुम से कम नहीं मग़्लूब – ए – गुमाँ होना

जो खुद मशहूर है अपने बुरे नाज़ ओ मेयार के ख़ातिर कुनु
वो मुझे तालीम दे रहे ग़ज़ल में अदब-लिहाज़ ए ज़बाँ होना

78 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
सफर
सफर
Ritu Asooja
एक गुजारिश तुझसे है
एक गुजारिश तुझसे है
Buddha Prakash
मेरी कलम से…
मेरी कलम से…
Anand Kumar
रिश्ते
रिश्ते
Ashwani Kumar Jaiswal
‘’The rain drop from the sky: If it is caught in hands, it i
‘’The rain drop from the sky: If it is caught in hands, it i
Vivek Mishra
बस्ते...!
बस्ते...!
Neelam Sharma
शिव स्तुति महत्व
शिव स्तुति महत्व
ओम प्रकाश श्रीवास्तव
इंसान का कोई दोष नही जो भी दोष है उसकी सोच का है वो अपने मन
इंसान का कोई दोष नही जो भी दोष है उसकी सोच का है वो अपने मन
Rj Anand Prajapati
कुछ...
कुछ...
Naushaba Suriya
हमारे बिना तुम, जी नहीं सकोगे
हमारे बिना तुम, जी नहीं सकोगे
gurudeenverma198
उसकी अदा तो प्रेम पुजारी लगी मुझे।
उसकी अदा तो प्रेम पुजारी लगी मुझे।
Sachin Mishra
4724.*पूर्णिका*
4724.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
प्रकृति और मानव
प्रकृति और मानव
Kumud Srivastava
मन मुकुर
मन मुकुर
डॉ विजय कुमार कन्नौजे
*पुरानी पेंशन हक है मेरा(गीत)*
*पुरानी पेंशन हक है मेरा(गीत)*
Dushyant Kumar
सामाजिक कविता: पाना क्या?
सामाजिक कविता: पाना क्या?
Rajesh Kumar Arjun
नमामि राम की नगरी, नमामि राम की महिमा।
नमामि राम की नगरी, नमामि राम की महिमा।
डॉ.सीमा अग्रवाल
जिन्दगी ने आज फिर रास्ता दिखाया है ।
जिन्दगी ने आज फिर रास्ता दिखाया है ।
Ashwini sharma
नज़ाकत या उल्फत
नज़ाकत या उल्फत
DR ARUN KUMAR SHASTRI
"सम्वेदनशीलता"
*प्रणय प्रभात*
कभी मायूस मत होना दोस्तों,
कभी मायूस मत होना दोस्तों,
Ranjeet kumar patre
बाबा साहब अंबेडकर का अधूरा न्याय
बाबा साहब अंबेडकर का अधूरा न्याय
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
मैं को तुम
मैं को तुम
Dr fauzia Naseem shad
उम्र आते ही ....
उम्र आते ही ....
sushil sarna
मदनोत्सव
मदनोत्सव
Dr. Ramesh Kumar Nirmesh
मेरी मोहब्बत पाक मोहब्बत
मेरी मोहब्बत पाक मोहब्बत
VINOD CHAUHAN
प्यार में बदला नहीं लिया जाता
प्यार में बदला नहीं लिया जाता
Shekhar Chandra Mitra
वक्त इतना बदल गया है क्युँ
वक्त इतना बदल गया है क्युँ
Shweta Soni
.
.
Ragini Kumari
शीर्षक:-आप ही बदल गए।
शीर्षक:-आप ही बदल गए।
Pratibha Pandey
Loading...