होते हैं इश्क में अब देखो कमाल क्या क्या..
होते हैं इश्क में अब देखो कमाल क्या क्या.
मेरे ज़बाब क्या क्या उनके सवाल क्या क्या.
मुझपे उठा के ऊँगली वो चुप रहा मगर यूँ,
उसने उठा दिए हैं जाने सवाल क्या क्या.
वापस नहीं उठेंगे मेरे कदम ज़मी से
उसकी गली में आकर होंगे बवाल क्या क्या.
कोई कहे दिवाना कोई कहे बेचारा,
हमको मिलीं यहाँ पर देखो मिसाल क्या क्या.
दुखती रगों को सबकी हमने दबा दिया है,
आते हैं देखिये अब किसको उबाल क्या क्या.
उनसे जो बात कर ली महफ़िल में आज हमने,
हमसे गली गली में होंगे सवाल क्या क्या.
……………सुदेश कुमार मेहर