होता नहीं कम काम
जीवन की भाग दौड़ में,
खो रही है सुबह शाम।
दिन भर रहते व्यस्त है,
होता नहीं कम काम ।।
तरसते है हम सुनने को ,
चिड़ियों की चहचहाहट।
अपने घर आंगन में,
प्यारे बच्चों की आहट।।
जिम्मेदारी बढ़ती जाती,
रुकने का नहीं नाम।
चलते चलते बीत रहीं,
जीवन की सुनहरी शाम।।
थोड़ा सा समय चुराकर,
जी ले खुद के लिए हम ।
ये पल फिर न मिलेंगे,
होगा कभी न काम कम।।
—– जेपीएल