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16 Feb 2024 · 1 min read

होठों को रख कर मौन

होठों को रख कर मौन
बातेँ आँखों से
आँखों की होने दो
बहुत पावन है प्रेम प्रिये
रूह से रूह का आलिंगन होने दो
जिस्मों की ख्वाहिश रखें क्यूँ
धड़कन को मिल कर धड़कन से
नयी प्रेम कथा एक रचने दो !!!!!

हिमांशु Kulshrestha

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