“हॉकी के जादूगर”
“हॉकी के जादूगर”
कहा-वफादारी के साये में मैंने
सारी उम्र बिताई है,
बरसों की तपस्या से ही जीत
भारत के हिस्से आई है।
दुःख हों सुख हों चाहे जो हों
मातृभूमि के लिए झेलूंगा,
भारत के लिए खेला हूँ अब तक
भारत के लिए ही खेलूंगा।
“हॉकी के जादूगर”
कहा-वफादारी के साये में मैंने
सारी उम्र बिताई है,
बरसों की तपस्या से ही जीत
भारत के हिस्से आई है।
दुःख हों सुख हों चाहे जो हों
मातृभूमि के लिए झेलूंगा,
भारत के लिए खेला हूँ अब तक
भारत के लिए ही खेलूंगा।