है स्वर्ग यहीं है नर्क यहीं
नहीं कोई द्वेष जहां पर
कहीं अन्याय दिखता नहीं
रहता है सत्य जहां पर
झूठ की कोई कीमत नहीं
कहीं और नहीं होता
होता है बस स्वर्ग वहीं
है स्वर्ग यहीं है नर्क यहीं
सृष्टि में जाकर देख कहीं।।
हो अराजकता जहां पर
न्याय का नामोनिशान नहीं
हो झूठ का बोलबाला और
हो सत्य का कोई नाम नहीं
कहीं और नहीं होता
होता है बस नर्क वहीं
है स्वर्ग यहीं है नर्क यहीं
सृष्टि में जाकर देख कहीं।।
हो सब सुखी जहां पर
किसी के प्रति कोई बैर नहीं
ना हो कोई अपराध, और
अपराधियों की कोई खैर नहीं
हर तरफ भाईचारा हो जहां
होता है बस स्वर्ग वहीं
है स्वर्ग यहीं है नर्क यहीं
सृष्टि में जाकर देख कहीं।।
हो सब दुखी जहां पर
न्याय का कहीं कोई नाम नहीं
बोलबाला हो अपराध का
अपराधियों को कोई डर नहीं
जहां आपसी अविश्वास हो
होता है बस नर्क वहीं
है स्वर्ग यहीं है नर्क यहीं
सृष्टि में जाकर देख कहीं।।
संपन्न हो सब जहां पर
कोई जीवन अभाव में नहीं
दुःख दर्द बांटते आपस में सब
किसी तरह का खौफ नहीं
जहां राजा रंक में भेद नहीं
होता है बस स्वर्ग वहीं
है स्वर्ग यहीं है नर्क यहीं
सृष्टि में जाकर देख कहीं।।
भूखे पेट सोते है लोग जहां
बच्चों को भी खाना नसीब नहीं
फैला है अविश्वास जहां पर
बजुर्गों, बहनों का कोई मान नहीं
फैला है चारों ओर अंधेरा जहां
होता है बस नर्क वहीं
है स्वर्ग यहीं है नर्क यहीं
सृष्टि में जाकर देख कहीं।।