“हैप्पी बर्थडे हिन्दी”
(हिन्दी दिवस पर विशेष)
“हैप्पी बर्थडे हिन्दी”
°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°
नीचे धरती, ऊपर अम्बर;
देखो, फिर आया 14 सितम्बर।
बंगाली बोले, तमिल बोले,
मराठी बोले, गुजराती बोले,
और बोले आज सिन्धी;
हैप्पी बर्थडे , हैप्पी बर्थडे हिन्दी।।
ये सबको प्यारी है,
देशी भाषाओं की क्यारी है;
हर भाषा को यही सवांरी है।
मगर कुछ लोगों की ये गद्दारी है;
जिससे अंग्रेजी के पीछे होना,
इसकी लाचारी है।।
14 सितम्बर, जब भी आते,
आनन-फानन में सब,
हिन्दी दिवस मनाते।
हिन्दी के लिए खूब प्यार लुटाते,
कुछ होने-जोने को है नहीं;
फिर, हिंदीभाषी को ही सब सताते।।
राजभाषा से राष्ट्रभाषा की,
यात्रा होगी कब पूरी।
हम हैप्पी बर्थडे मनाते रहें;
और, राष्ट्रभाषा की सपना,
न रह जाए अधूरी।।
स्थिति इतनी विकट है,
संघ के परीक्षा परिणामों में,
सब प्रकट है;
हजार में दस, हिंदीभाषी आते,
वो भी अहिंदियों के सामने शर्माते।
फिर, मरहम स्वरूप 14 सितम्बर को,
सब हैप्पी बर्थडे हिन्दी मनाते।।
हैप्पी बर्थडे मनाना,
देशी सभ्यता का प्रतीक नहीं;
हर,14 सितम्बर को यों ही ,
हिन्दी दिवस मनाना ठीक नहीं।
आखिर कब तक, ये सब चलता रहेगा;
‘हिन्दी’ बस, दिवस की;
भावनाओं में बहता रहेगा।।
जिसका जन्म दिवस आता है,
उसकी पुण्यतिथि भी आती है;
हिन्दी की पुण्यतिथि आने से पहले,
दिवस मनाना छोड़ो,ऐ कुर्सीवालोंं,
हिन्दी को, जल्द राष्ट्रभाषा बना डालो,
जल्द राष्ट्रभाषा बना डालो।।
*************************
जय हिंद……………. जय हिंदी
—धन्यवाद—
स्वरचित सह मौलिक :-
……✍️ पंकज “कर्ण”
…………..कटिहार।।
14 सितंबर ,