Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
2 Feb 2021 · 3 min read

हैं रौनक तुम्ही से दुनिया

सबसे पहले आप सम्बोधन करे कुछ इस तरह से —–

आज हम अपना 72 वा गणतंत्र दिवस मना रहे है कोरोना महामारी की वजह से अबकी बार किसी मुख्यअतिथि को नही आमंत्रित किया गया है ।
I am ( apna naam bol diziyega) I am a student astha coaching B.sc 1st year.

नतमस्तक हो उन शहीदो के चरणो में ।
दिलाई आजादी जिन्होने अपने देश को क्षणो में ।
होते गर न शहीद तो ।
अंग्रेजो को कोई डर न होता ।
चक्रवात सा उमङता था उनके अंदर ।
उखाङ फेंका उन गोरो को अपने देश से बाहर ।
आजाद हुए गणतंत्र हुए ।
फिर भी हम भ्रष्टाचार से न स्वतंत्र हुए ।
असली गणतंत्र तो हमारी नजर मे तब आएगा ।
जब इस देश का हर युवा रोजगार पाएगा ।
तभी इस देश में नवसृजन, नव ऊर्जा का संचार हो पाएगा ।

आज हम आप लोगो के सम्मुख महिलाओ के सशक्तिकरण को अपनी एक स्वरचित कविता के माध्यम से आपके सामने पेश करने जा रहे अगर अच्छा लगे तो एक जोरदार तालिया बजाकर हमारे हृदय को यह एहसास दिला देना की हम भी इक छोटी सी कवयित्री है ।

समझते है जो पहले उनको समझा दे हम ।
ये लडकिया चूल्हा फूंकने ।
और झाडू मारने का ही काम नही कर रही है ।
बल्कि लङाकू विमान भी उङा रही है ।
बंद है जिसकी अभी तक आँखे ।
थोड़ा वो आगे भी झांके ।
नजरिए को बदले वो अपने ।
लङकिया किसी लङको से कम नही ।
अगर ठान ले वो तो वे भी पुरा कर सकती है अपने सपने

सबसे पहले मुझे एक भारतीय होने पर गर्व है ?

हैं हौसला हममें भी ।
कुछ कर गुजरने का ।
हम लङकिया हैं ।
संस्कृति और सभ्यता ।
की एक ओजस्वी ।
झलकिया है ।
ठण्ड हो कितनी फिजाओ में ।
पहुंच चुका हो ताप शून्य पर ।
पर मेरे अंदर की तपिश से ।
पिघल जाएंगे सब ।
निकल जाएँगे रास्ते बहती नदी से।
लङकिया है हम दूसरे की नजर में ।
अपनी नजर में हम किसी शेरनी से कम नही ।
कौन है ऐसा क्षेत्र जिसमें हम नही।
संगीत हो, खेल हो या पूरा भूडोल हो ।
राजनीति ,पर्वतारोही या वैज्ञानिक का माहौल हो ।
वीराग्नाओ से भी है न खाली ।
अपनी भारतभूमी महान ।
लक्ष्मीबाई, दुर्गावती, चांद बीबी ने दिए है जान ।
इतिहास के पन्नो मे उत्कीर्ण ।
नामो पर रहे हमेशा ध्यान ।
होता है जब एक पुरूष शिक्षित ।
तब महज एक व्यक्ति होता है शिक्षित ।
जब एक महिला होती है शिक्षित।
तब पुरा पीढ़ी होती है शिक्षित ।
होती न अगर ये लड़कियां ।
तो संसार मे न कोई रौनक होती ।
किलकारियाँ तक न गूँजती किसी की ।
न कोई बच्चा रोता ।
मां, बहन पत्नी,बहू, बेटी ।
के बगैर ।
यह जहां किसी नरक से कम न होता ।
यह यशस्वी इतिहास हमारा ।
ऋग्वैदिक काल से ही ।।
अपाला, गार्गी, लोपा मुद्रा ।।
वेद को सुक्तो को रचकर ।
अपना तेजमयी परचम लहराया।
दिग्दिगंत, ब्योम -पाताल तक ।
है उनकी ओजस्वी छाया ।
है आस्था हमें बदल देंगे हम ।
हो प्रफुल्लित प्राप्त करेंगे अपने लक्ष्य को ।
हो कितनी भी कठिनाईया या हो फिर कितना भी गम ।
कुछ करके दिखाना है ।
नही तो हमें इस धरा पर दिखना नही ।
हार मिलती है अगर ।
मुझको नही है कोई डर ।
ऐसा तो एक दिन जरूर आएगा ।
दिखा देंगे सब कुछ हम जीतकर।
महिला सशक्तिकरण होगा न तब तक ।
आत्मनिर्भर नही होंगी सारी महिला जब तक ।

एक बार फिर से देश के आजादी से लेकर गणतंत्र राष्ट्र को बनाने वाले स्वतंत्रता सेनानी और शहीद को भगवा रंग में रंगकर नमन और यहां पर उपस्थित सभी देशभक्तो को गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनाए ।
जय हिंद
????????????????????????????????????????????????

Language: Hindi
2 Likes · 3 Comments · 554 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
हमको भी सलीक़ा है लफ़्ज़ों को बरतने का
हमको भी सलीक़ा है लफ़्ज़ों को बरतने का
Nazir Nazar
यक्ष प्रश्न
यक्ष प्रश्न
Shashi Mahajan
प्यार कर हर इन्सां से
प्यार कर हर इन्सां से
Pushpa Tiwari
बच्चे पैदा करना बड़ी बात नही है
बच्चे पैदा करना बड़ी बात नही है
Rituraj shivem verma
"" *सपनों की उड़ान* ""
सुनीलानंद महंत
ये ऊँचे-ऊँचे पर्वत शिखरें,
ये ऊँचे-ऊँचे पर्वत शिखरें,
Buddha Prakash
लड़कियों के प्रति आकर्षण प्राकृतिक और स्वाभाविक होता है जिसम
लड़कियों के प्रति आकर्षण प्राकृतिक और स्वाभाविक होता है जिसम
Rj Anand Prajapati
अमीर-गरीब के दरमियाॅ॑ ये खाई क्यों है
अमीर-गरीब के दरमियाॅ॑ ये खाई क्यों है
VINOD CHAUHAN
"प्रार्थना"
Dr. Kishan tandon kranti
जो शख़्स तुम्हारे गिरने/झुकने का इंतजार करे, By God उसके लिए
जो शख़्स तुम्हारे गिरने/झुकने का इंतजार करे, By God उसके लिए
अंकित आजाद गुप्ता
बुंदेली दोहा प्रतियोगिता-151से चुने हुए श्रेष्ठ दोहे (लुगया)
बुंदेली दोहा प्रतियोगिता-151से चुने हुए श्रेष्ठ दोहे (लुगया)
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
* हो जाता ओझल *
* हो जाता ओझल *
surenderpal vaidya
तीन सौ वर्ष पुराना माई का थान और उसके सेवारत महामंत्री सुनील
तीन सौ वर्ष पुराना माई का थान और उसके सेवारत महामंत्री सुनील
Ravi Prakash
*Relish the Years*
*Relish the Years*
Poonam Matia
रमेशराज की पद जैसी शैली में तेवरियाँ
रमेशराज की पद जैसी शैली में तेवरियाँ
कवि रमेशराज
????????
????????
शेखर सिंह
*रंग-बिरंगी दुनिया फिल्मी*
*रंग-बिरंगी दुनिया फिल्मी*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
3842.💐 *पूर्णिका* 💐
3842.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
उनको मंजिल कहाँ नसीब
उनको मंजिल कहाँ नसीब
Mrs PUSHPA SHARMA {पुष्पा शर्मा अपराजिता}
हकीकत
हकीकत
P S Dhami
सबसे सुगम हिन्दी
सबसे सुगम हिन्दी
Sarla Sarla Singh "Snigdha "
*तुम न आये*
*तुम न आये*
Kavita Chouhan
परित्यक्ता
परित्यक्ता
डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम
नामुमकिन है
नामुमकिन है
Dr fauzia Naseem shad
मंजिल
मंजिल
Dr. Pradeep Kumar Sharma
विकल्प///स्वतन्त्र कुमार
विकल्प///स्वतन्त्र कुमार
स्वतंत्र ललिता मन्नू
पेड़ पौधे फूल तितली सब बनाता कौन है।
पेड़ पौधे फूल तितली सब बनाता कौन है।
सत्य कुमार प्रेमी
मेरी कलम से…
मेरी कलम से…
Anand Kumar
धरती का बुखार
धरती का बुखार
Anil Kumar Mishra
अकारण सेकेंडों की बात मिनटों व घण्टों तक करने वाले न अपना भल
अकारण सेकेंडों की बात मिनटों व घण्टों तक करने वाले न अपना भल
*प्रणय*
Loading...