वाह मेरा देश किधर जा रहा है!
संपूर्ण कर्म प्रकृति के गुणों के द्वारा किये जाते हैं तथापि
माँ ही हैं संसार
Shyamsingh Lodhi (Tejpuriya)
चंद अश'आर ( मुस्कुराता हिज्र )
जिन्दगी मे एक बेहतरीन व्यक्ति होने के लिए आप मे धैर्य की आवश
न कहर ना जहर ना शहर ना ठहर
ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी"
जो समय सम्मुख हमारे आज है।
*मन के राजा को नमन, मन के मनसबदार (कुंडलिया)*
कर मुसाफिर सफर तू अपने जिंदगी का,
युगों की नींद से झकझोर कर जगा दो मुझे
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
अब तो सब बोझिल सा लगता है
"अस्थिरं जीवितं लोके अस्थिरे धनयौवने |
वह मुस्कुराते हुए पल मुस्कुराते