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20 May 2023 · 1 min read

हे सर्वस्व सुखद वर दाता

हे सर्वस्व सुखद वर दाता
चिर आनंद जहां पर पाता
हरी भरी सी सुभग छांव में
हंसते गाते सब सहज गांव में
उस मनहर बरगद की छाया
जहां विद्व जन वेद को ध्याया
पतित पावन अति मनभावन
मोक्ष प्रदायक रहते नारायण
जप तप स्तुति धर्म उपासना
योगी यति करते हैं कामना
ब्रह्म देव श्री हरि उमापति
कष्ट क्लेश हरते हैं दुर्मति
यमदेव हर्षित वर देते
आंचल में खुशियां भर देते
सत्यवान ने नव जीवन पाई
मुदित मगन सावित्री घर आई
करती प्रार्थना सभी सुहागिन
वैसे ही सौभाग्य बढ़ते रहे हरदिन.
भारती दास ✍️

Language: Hindi
2 Likes · 583 Views
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