हे राम हृदय में आ जाओ अंतस का रावण वध जाओ
विजयादशमी पर हार्दिक शुभकामनाएं
हे राम हृदय में आ जाओ
अंतस का रावण वध जाओ
तन रूपी 10 द्वार की लंका में
कुवृत्तियों रूपी 10 मुख रहता है
आत्मा रूपी यक्ष कैद है
सदवृति रूपी सहज विभीषण
रावण के दबाव में रहता है
हिंसा द्वेष पापरत वृतियां
मेरे अंतस में बैठी हैं
अशांत रहती है दुनिया मेरी
ऊपर से अहम की हेठी है
आ जाओ श्रीराम आ जाओ
अंतस के रावण को मारो
आजाद करो यक्ष मेरा
विभीषण स्वतंत्र कर जाओ
जीत जाए मेरा भी सच
असत्य पराजित हो जाए
विजयादशमी मन जाए
रावण अंतस का जल जाए
हे राम ह्रदय में आ जाओ
अंतस का रावण वध जाओ
सुरेश कुमार चतुर्वेदी