हे भूतेश्वर हे दिगंबर
हे भूतेश्वर हे दिगंबर
तुम सर्वव्यापी नाथ शंकर
सांसों में साकार बसकर
प्राणों में आधार बनकर
करुणा के आगार होकर
दुष्टों को संहार कर-हर
जग पे कर उपकार विषधर
कर दया अब भक्त-जन पर
नेत्र खोलो हे ज्ञानेश्वर
तुम रहो न हास्य बनकर
ये है अवसर हे महेश्वर
देव आओ स्वर्ग तजकर.
भारती दास ✍️
महाशिवरात्रि पर्व पर आप सबको
मंगलमय शुभकामनाएं