हर-सम्त देखा तो ख़ुद को बहुत अकेला पाया,
एक उम्र तक तो हो जानी चाहिए थी नौकरी,
मुझे आज तक ये समझ में न आया
रोज आते कन्हैया_ मेरे ख्वाब मैं
लोगों के साथ सामंजस्य स्थापित करना भी एक विशेष कला है,जो आपक
ब्राह्मण बुराई का पात्र नहीं है
यह कहते हुए मुझको गर्व होता है
आज #कारगिल_विजय दिवस के मौक़े पर सरहद की हिफ़ाज़त के लिये शह
जो घटनाएं घटित हो रही हैं...
💐प्रेम कौतुक-561💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)