हे बांकेबिहारी सुन लीजिए…
हे बांकेबिहारी सुन लीजिए !
निज भक्त की कातर पुकार
बच्चों के जीवन पथ से स्वत:
दूर हो जाएं कंटक औ गुबार
मन मानस उनका रहे सदैव
उत्साह और ऊर्जा से भरपूर
मति और विवेक सदा जाग्रत
रहे. कभी पास न फटके गुरूर
प्रभु आपके प्रति बना रहे सदा
उनके हृदय में श्रद्धा का भाव
उन सबके कार्य और व्यवहार में
झलके आपके माधुर्य का प्रभाव
सदा स्वप्नों में मिलती रहे आपकी
कृपाभरी दृष्टि से स्नेहिल आशीष
भूले से भी कभी दुखे न मन किसी
का इतना ध्यान रखना जगदीश