Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
18 Jun 2023 · 2 min read

हे पिता

हे पिता!
******
हे पिता!
तुम्हारे लिए आज
जो दिवस बने हैं
मैं ठुकराता हूँ
प्रतिपल ऐसे दिवसों को।
जीवन के क्षण क्षण में
जो दुख आते थे
तुम उनको
बस झट से
चुटकी में हर ले जाते थे।
हे पिता!तुम्हें मैं कैसे बाँधूँ एक दिन में
तुम दशक नहीं,तुम सदी नहीं
तुम युग से बड़े महायुग हो
हे पिता!तुम्हें मैं कैसे बाँधूँ,कैसे बाँधूँ
एक दिन में?
जब अपने कदमों पर
मैंने चलना सीखा
गिरा,गिराया गया
कई-कई बार
लगी ना मुझको चोट
तलहथी तुम्हारी चोट सह गई
चेहरे पर बिखरी मुस्कान
हे पिता!तुम्हें मैं कैसे बाँधूँ एक दिन में।
लगती थी मुझको चोट जब कभी
दर्द तुम्हें ही होता था
तेरी आँखों मे देखकर ऑंसू
दर्द भी मेरा रोता था।
हे तात! तुम्हें मैं कैसे बाँधूँ एक दिन में।
जब घर से
पहली बार मैं
बाहर निकला था
चुपके से मुड़कर देखा था
तेरी आँखें,तेरी आँखें,
आँसू,आँसू
हे पिता! तुम्हें मैं कैसे बाँधूँ एक दिन में।
अपने जूते फटे
कभी तुम देख ना पाए
उसको सिलवा-सिलवा कर
तुम काम चलाए
छत उन्हें दिया
जो छत का मोल समझ ना पाए
हे तात! तुम्हे मैं कैसे बाँधूँ एक दिन में।
तुमने मुझको जन्म दिया है
रूप दिया है,रंग दिया है
खुशियों का तरंग दिया है
आँसू लेकर मुस्कान दिया है
जीवन में परमानंद दिया है
हे मेरे आराध्य!
मुझसे यह पाप ना होगा
क्षमा करो तुम।
हे तात! तुम्हें मैं कैसे बाँधूँ,
कैसे बाँधूँ,कैसे बाँधूँ
एक दिन में?
तुम मुनि नहीं,तुम ऋषि नहीं
ना अभिनेता ना नेता हो
तुम त्यागों के पर्याय अनवरत
बस तुम ही
आदर्श हो मेरे
अंतिम साँसों तक।
हे पिता तुम्हें मैं कैसे बाँधूँ
कैसे बाँधूँ,कैसे बाँधूँ
एक ही दिन में।
तुम दशक नहीं,तुम सदी नहीं
तुम युग से बड़े महायुग हो
हे पिता!तुम्हें मैं बाँधूँ कैसे,कैसे बाँधूँ
कैसे-कैसे,बाँधूँ-बाँधूँ
कैसे बाँधूँ
एक ही दिन में?
—अनिल कुमार मिश्र,रांची,झारखंड

Language: Hindi
1 Like · 206 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
The Huge Mountain!
The Huge Mountain!
Buddha Prakash
मुझे गर्व है अलीगढ़ पर #रमेशराज
मुझे गर्व है अलीगढ़ पर #रमेशराज
कवि रमेशराज
■ आज की सलाह...
■ आज की सलाह...
*Author प्रणय प्रभात*
शब्द अभिव्यंजना
शब्द अभिव्यंजना
Neelam Sharma
शतरंज
शतरंज
भवेश
"सुप्रभात"
Yogendra Chaturwedi
नेताजी का रक्तदान
नेताजी का रक्तदान
Dr. Pradeep Kumar Sharma
आप हरते हो संताप
आप हरते हो संताप
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
"बस्तर के वनवासी"
Dr. Kishan tandon kranti
विश्वामित्र-मेनका
विश्वामित्र-मेनका
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
आत्मविश्वास ही हमें शीर्ष पर है पहुंचाती... (काव्य)
आत्मविश्वास ही हमें शीर्ष पर है पहुंचाती... (काव्य)
AMRESH KUMAR VERMA
शुभ प्रभात मित्रो !
शुभ प्रभात मित्रो !
Mahesh Jain 'Jyoti'
नदियों का एहसान
नदियों का एहसान
RAKESH RAKESH
।।अथ सत्यनारायण व्रत कथा पंचम अध्याय।।
।।अथ सत्यनारायण व्रत कथा पंचम अध्याय।।
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
जख्मो से भी हमारा रिश्ता इस तरह पुराना था
जख्मो से भी हमारा रिश्ता इस तरह पुराना था
कवि दीपक बवेजा
स्तंभ बिन संविधान
स्तंभ बिन संविधान
Mahender Singh
जीवन है बस आँखों की पूँजी
जीवन है बस आँखों की पूँजी
Suryakant Dwivedi
राष्ट्र निर्माता गुरु
राष्ट्र निर्माता गुरु
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
बूँद बूँद याद
बूँद बूँद याद
Atul "Krishn"
जब तुमने सहर्ष स्वीकारा है!
जब तुमने सहर्ष स्वीकारा है!
ज्ञानीचोर ज्ञानीचोर
🇮🇳🇮🇳*
🇮🇳🇮🇳*"तिरंगा झंडा"* 🇮🇳🇮🇳
Shashi kala vyas
**माटी जन्मभूमि की**
**माटी जन्मभूमि की**
लक्ष्मण 'बिजनौरी'
जीवन का कठिन चरण
जीवन का कठिन चरण
पूर्वार्थ
विनती
विनती
Kanchan Khanna
बुरा न मानो होली है (हास्य व्यंग्य)
बुरा न मानो होली है (हास्य व्यंग्य)
Ravi Prakash
सवालात कितने हैं
सवालात कितने हैं
Dr fauzia Naseem shad
जिन्दगी ....
जिन्दगी ....
sushil sarna
ड्रीम इलेवन
ड्रीम इलेवन
आकाश महेशपुरी
🌹जादू उसकी नजरों का🌹
🌹जादू उसकी नजरों का🌹
SPK Sachin Lodhi
टफी कुतिया पे मन आया
टफी कुतिया पे मन आया
Surinder blackpen
Loading...