हे पवन कुमार
हे पवन कुमार,सुन लीजिए प्रभु हमारी पुकार।
आरती की थाल सजाए हम हैं खड़े,
कृपा कर हमारी कष्टों को दूर करें।
हे संकट मोचन, वीर हनुमान ,
सदैव करूं आपकी जय गान।
वक्ष फाड़ दिखाए जैसे आपने सियाराम,
हे महाबली, आपको करते हैं प्रणाम।
हे पवन कुमार, सुन लीजिए प्रभु हमारी पुकार ।
अष्ट सिद्धियों ,नव निधियों के स्वामी,
आशीष दीजिए हे अंतर्यामी।
जीवन की बाधाओं को कर सके हम पार,
खोल सके हम प्रभु प्रकाश के द्वार।
हे पवन कुमार ,सुन लीजिए प्रभु हमारी पुकार ।
श्री राम के नाम जपने में रहते आप तल्लीन सदा ,
दुष्टों का संहार करने के लिए उठाते हैं आप गदा।
नकारात्मकता से हम दूर हो सके,
सकारात्मकता के पथ पर ही हम चले।
हे पवन कुमार, सुन लीजिए प्रभु हमारी पुकार ।
लक्ष्मण के प्राण आपने ही बचाए थे,
सुदूर हिमालय से जड़ी- बूटी का पहाड़ लाए थे,
श्री राम का दूत बनकर मां सीता को संदेशा पहुंचाए थे,
समुद्र को लांघकर आपने सोने की लंका को जलाए थे ।
हे रुद्रावतार,हे अंजनी कुमार,
कोटि-कोटि आपको नमस्कार ।
श्री राम के नाम जपने से ही आप प्रसन्न होते हैं ,
महावीर के चरणों में यह भजन निवेदन करते हैं ।
हे पवन कुमार, सुन लीजिए प्रभु हमारी पुकार।
भूल-चूक प्रभु क्षमा कीजिए,
अब देर न कर के दर्शन दीजिए।
हे पवन कुमार, सुन लीजिए प्रभु हमारी पुकार।
—– उत्तीर्णा धर