हे परम पिता परमेश्वर, जग को बनाने वाले
हे परम पिता परमेश्वर,जग को बनाने वाले
धर्मांध हुई दुनिया सारी, लड़ते रहते हैं जग वाले
एक नूर ते जग उपजाया,माया कोई जान पाया
क्यों तुमने अपने नामों से, दुनिया को भरमाया
ईश्वर अल्लाह गाड गुरु पर, हिंसा करते हैं जग वाले
हे जगदीश्वर परम पिता,जग ने न तुमको पहचाना
नहीं रुप और नाम गुणों को, अंतर्मन से जाना
अलग अलग करते हैं तुमको, अक्सर ये दुनिया वाले
मची हुई है मार काट,सत शांति न दया क्षमा
धर्म के नाम से क्षरण धर्म का,संकट है घनघोर महा
वेशक तुम ईश्वर तुम अल्लाह,गाड और गुरु तुम हो
सर्बशक्तिमान गुण रुप अनश्वर,जगत पिता परमेश्वर हो
तेरे नाम पर मार रहे, काफ़िर कहकर जग वाले
मरते हैं निर्दोष जगत में,गोरे हों या काले
मानवता को आन बचाओ,हे दुनिया रखवाले
हे परम पिता सारे जग के, दुनिया की करुण पुकार सुनो
हिंसा द़ेष मिटाओ जग से,हे परम पिता अब एक बनो
प्रेम प्रीत के सुमन खिलाओ, एक हो जाएं जग वाले
सुरेश कुमार चतुर्वेदी