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22 May 2021 · 1 min read

हे धरती के भगवान ! तुम्हें नमन

हे धरती के भगवान! हमारे ह्रदय स्पंदन,
कृतार्थ हो राष्ट्र करता तुम्हें शत शत नमन ।

तुम बंधु-बांधव, मित्र व् अभिभावक हो ,
मृत्यु समक्ष अडिग खड़े प्रहरी रक्षक हो ।

खुद से जायदा मरीज की फिक्र रहती है ,
इस दौरान तुम्हें अपनी फिक्र कहां रहती है ।

दिन रात मरीजों की तीमारदारी में गुजारते,
अपनेआराम की जरा भी परवाह नहीं करते ।

हां ! तुमने शपथ जो ली थी अपनेंशिक्षण में,
परिणामतःतुम सफल हुए हर परीक्षण में।

घर में चाहे कोई खुशी हो या गम के हालात ,
कर्तव्य पथ हेतु थमते नहीं कदम रहते तैनात।

इस महामारी के प्रकोप से भी हे वीर तुम! ,
डटे रहे , हारे नहीं इससे बिल्कुल भी तुम ।

अपनी जिंदगी को खतरे में तुमने डाल दिया ,
मरीज के जीवन हेतु मौत को भी अपना लिया ।

कौन है धरती पर तुम जैसा निस्वार्थ इंसान ,
धन से बढ़कर प्यारी तुम्हें मरीज की मुस्कान ।

कैसा होता है भगवान , हमने तो नहीं देखा ,
मगर हर प्राणी पर करुणा बरसाते तुम्हे देखा ।

यह चिकित्सक ,नर्स और स्वास्थ्य कर्मचारी ,
यह सभी है सम्मान और दुयाओं के अधिकारी ।

Language: Hindi
6 Likes · 9 Comments · 506 Views
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