Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
26 Oct 2020 · 1 min read

हे जन जन के राम, प्रकटो मेरे मन में

हे जन जन के राम
प्रकटो मेरे भी मन में
क्यों सूना मेरा मन मंदिर
जब आप विराजे कण-कण में
आज धरा आतंकित है
मानवता घबराई
मार रहा है काफिर कहकर
आ जाओ रघुराई
धर्म के नाम पर आज अधर्मी
करते हैं अगुवाई
सिमट गए हैं प्रेम शांति
हिंसा ने पर फैलाए
सता रहा आतंक का रावण
यह धरती कौन बचाए
हे नाथ प्रकट हो मारो रावण
जन-जन आस लगाए
हे जन जन के राम
प्रकट हो मेरे मन में
क्यों सूं ना मेरा मन मंदिर
जब आप विराजे कण-कण मैं

Language: Hindi
6 Likes · 3 Comments · 240 Views
Books from सुरेश कुमार चतुर्वेदी
View all

You may also like these posts

जिस यात्रा का चुनाव
जिस यात्रा का चुनाव
ब्रजनंदन कुमार 'विमल'
न जाने क्या ज़माना चाहता है
न जाने क्या ज़माना चाहता है
Dr. Alpana Suhasini
दीपक
दीपक
Durgesh Bhatt
गवाह तिरंगा बोल रहा आसमान 🇧🇴
गवाह तिरंगा बोल रहा आसमान 🇧🇴
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
पं. टोटकेश्वर (टोने वाले) को इत्ती सी अक़्क़ल तो होनी चाहिए कि
पं. टोटकेश्वर (टोने वाले) को इत्ती सी अक़्क़ल तो होनी चाहिए कि
*प्रणय*
बहुत उपयोगी जानकारी :-
बहुत उपयोगी जानकारी :-
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
माँगती मन्नत सदा माँ....
माँगती मन्नत सदा माँ....
डॉ.सीमा अग्रवाल
हो गया जो दीदार तेरा, अब क्या चाहे यह दिल मेरा...!!!
हो गया जो दीदार तेरा, अब क्या चाहे यह दिल मेरा...!!!
AVINASH (Avi...) MEHRA
डिप्रेशन कोई मज़ाक नहीं है मेरे दोस्तों,
डिप्रेशन कोई मज़ाक नहीं है मेरे दोस्तों,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
बह्र 2212 122 मुसतफ़इलुन फ़ऊलुन काफ़िया -आ रदीफ़ -रहा है
बह्र 2212 122 मुसतफ़इलुन फ़ऊलुन काफ़िया -आ रदीफ़ -रहा है
Neelam Sharma
नारी
नारी
Dr fauzia Naseem shad
कहाँ लिखूँ कैसे लिखूँ ,
कहाँ लिखूँ कैसे लिखूँ ,
sushil sarna
महिलाएं जितना तेजी से रो सकती है उतना ही तेजी से अपने भावनाओ
महिलाएं जितना तेजी से रो सकती है उतना ही तेजी से अपने भावनाओ
Rj Anand Prajapati
भिंगती बरसात में युँ ही बेचारी रात
भिंगती बरसात में युँ ही बेचारी रात
©️ दामिनी नारायण सिंह
खेल और राजनीती
खेल और राजनीती
'अशांत' शेखर
पत्रिका प्रभु श्री राम की
पत्रिका प्रभु श्री राम की
इंजी. संजय श्रीवास्तव
कभी जिम्मेदारी के तौर पर बोझ उठाते हैं,
कभी जिम्मेदारी के तौर पर बोझ उठाते हैं,
Ajit Kumar "Karn"
कह पाना मुश्किल बहुत, बातें कही हमें।
कह पाना मुश्किल बहुत, बातें कही हमें।
surenderpal vaidya
भ्रस्टाचार की लूट
भ्रस्टाचार की लूट
अमित कुमार
प्यार जिंदगी का
प्यार जिंदगी का
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
आँसू
आँसू
अनिल मिश्र
"जियो जिन्दगी"
Dr. Kishan tandon kranti
छोड़ो मेरे हाल पे हमको
छोड़ो मेरे हाल पे हमको
Sanjay Narayan
वर्ण पिरामिड
वर्ण पिरामिड
Rambali Mishra
मुसीबत में घर तुम हो तन्हा, मैं हूँ ना, मैं हूँ ना
मुसीबत में घर तुम हो तन्हा, मैं हूँ ना, मैं हूँ ना
gurudeenverma198
दोहा **** शब्दकोष स्वयं है, नहीं शब्द बस एक
दोहा **** शब्दकोष स्वयं है, नहीं शब्द बस एक
RAMESH SHARMA
दिलों का हाल तु खूब समझता है
दिलों का हाल तु खूब समझता है
नूरफातिमा खातून नूरी
The Lonely Traveller.
The Lonely Traveller.
Manisha Manjari
इंतिज़ार
इंतिज़ार
Shyam Sundar Subramanian
सुनते भी रहे तुमको मौन भी रहे हरदम।
सुनते भी रहे तुमको मौन भी रहे हरदम।
Abhishek Soni
Loading...