हे ईश्वर क्या मांगू
हे ईश्वर क्या मांगू मै तुमसे
जब सब कुछ तो तेरा ही है।
सारा ब्रह्माण्ड छिपा है तुममें
फिर यह तुच्छ चीज क्या है।
इस शरीर के लिए क्या मांगू
यह भी तो तेरा ही है।
रख है जिस हाल मे रखना है इसको,
इसके पीछे कोई कारण तेरा ही है।
तू ऐसे ही कुछ नही करता है,
तेरे हर खेल के पीछे कारण है।
खेल तुम्हें जैसे खेलना है,
यह खेल भी तो तुम्हारा है।
यह विषाद भी तुम्हारा है
और यह प्यादा भी तुम्हारा है।
फिर क्यो सोचू मै अपना चाल चलना,
जब तेरे चाल आगे
मेरा कुछ नही चलना है।
जब खेल तुम्हारा हम
समझ ही नही पाते है।
फिर तेरे साथ खेलने का
क्या हमे सोचना है।
बस विनती है इतना ईश्वर
खेल जरा आसान खेलना।
अपने इन प्यादों पर तुम
सदा रहम बरसाते रहना।
अनामिका