हे ईश्वर ! कर रहा हूँ मैं आराधना तेरी
हे ईश्वर ! कर रहा हूँ मैं आराधना तेरी,
अब चाह नहीं है मन मे मेरे,
पाऊ कुछ और तेरे बिना,
दर्शन के कुछ और सिवा।
भज रहा हूँ नाम तेरा,
तेरे नाम से जग है चलता,
सुन लो तु अब मेरी विनती,
हो जाये मेरा जीवन पार हो।
हे ईश्वर ! कर रहा हूँ मैं ,
आराधना तेरी बारम्बार हो।
सुख मे सुमिरन कोई ना करता,
दुःख में करता हर बार हो,
दोनो घड़ी होते हो तुम ही,
जान चुका हूँ तेरे आशीर्वाद से।
तू ही है पालनहार सभी का,
तूने संजोये भाग्य हर किसी का,
अपनी करनी जो भी है करता,
पाता तेरे द्वार से वह।
हे ईश्वर ! कर रहा हूँ मैं ,
आराधना तेरी बारम्बार हो।
रचनाकार –
बुद्ध प्रकाश,
मौदहा हमीरपुर।