हुस्न में आफरीन लगती हो
हुस्न में आफरीन लगती हो।
बाखुदा तुम हसीन लगती हो ।
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जब पहनती हो सुर्ख जोड़ा तुम,
तब बला की हसीन लगती हो।
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कितनी लगती हो भोली भाली सी।
हां मगर तुम ज़हीन लगती हो।
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गर तुम्हें बेहतरीन लगता हूं।
तुम मुझे बेहतरीन लगती हो।
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जिसमें रहती है हुस्न की परियां।
उस जहां की मकीन लगती हो।
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हुस्न पर्दों में खूबसूरत सा।
चर्ख की जानशीन लगती हो।
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डॉक्टर सगीर अहमद सिद्दीकी खैरा बाजार बहराइच