हुस्न चाहत की
हुस्न चाहत की निगाहों से निखारुं आ जा
मैं कलम से तेरी तस्वीर उतारूँ आ जा
ऐ ग़ज़ल तू मेरी हर साँस में, धड़कन में रहे
फिर तेरे गेसू-ए-अशआर संवारूं आ जा
– शैलेन्द्र ‘असीम’
हुस्न चाहत की निगाहों से निखारुं आ जा
मैं कलम से तेरी तस्वीर उतारूँ आ जा
ऐ ग़ज़ल तू मेरी हर साँस में, धड़कन में रहे
फिर तेरे गेसू-ए-अशआर संवारूं आ जा
– शैलेन्द्र ‘असीम’