हुस्न की बात
हुस्न की बात जब भी करूँगा, तब तुम्हारी भी याद आएगी,
धोखे से जब भी मुलाकात करूँगा, तेरी बातों की बरसात आएगी,
मिल जायेगा इस शहरों -ओ- आम में, मेरा भी ख्याल किसी से,
जब भी में किसी से इन्तेक़ाम लूंगा, तुम्हारी भी याद आएगी।
हुस्न की बात जब भी करूँगा, तब तुम्हारी भी याद आएगी।
होगा मेरा सवेरा भी मेरी जिंदगी के बाद, तू कहाँ साथ जाएगी,
जब मिल जाएगी आशु से तू रखा में, तब दरिया में मेरी खाक जाएगी,
हुस्न की बात जब भी करूँगा, तब तुम्हारी भी याद आएगी।
अहसान तेरा मुझपर मेहरबानी तेरी, कदरदानी भी तुझे याद आएगी,
फ़लक़ से जोड़ कर हर सितारे से तुझको, ज़मीन की ज़ुबा से तेरी कहानी पड़ी जाएगी,
हुस्न की बात जब भी करूँगा, तब तुम्हारी भी याद आएगी।