चेहरे की मुस्कान छीनी किसी ने किसी ने से आंसू गिराए हैं
पैसा सौगात के नाम पर बंटे
तत्काल लाभ के चक्कर में कोई ऐसा कार्य नहीं करें, जिसमें धन भ
बेरहम जिन्दगी के कई रंग है ।
" नयन अभिराम आये हैं "
भगवती प्रसाद व्यास " नीरद "
शौक में नहीं उड़ता है वो, उड़ना उसकी फक्र पहचान है,
प्रेम और पुष्प, होता है सो होता है, जिस तरह पुष्प को जहां भी
धर्म अधर्म की बाते करते, पूरी मनवता को सतायेगा
*संपूर्ण रामचरितमानस का पाठ : दैनिक समीक्षा*
*श्रद्धा विश्वास रूपेण**"श्रद्धा विश्वास रुपिणौ'"*
23/215. *छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
चलो चलें वहां जहां मिले ख़ुशी
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
हे गुरुवर तुम सन्मति मेरी,
भँवर में जब कभी भी सामना मझदार का होना
Learn lesson and enjoy every moment, your past is just a cha
गरीबी
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर