Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
4 Jan 2017 · 1 min read

हुजूर बोलिये जरा

को’ई नगर जले न अब, हुजूर रोकिये जरा
रहोगे’ मौन कब तलक, हुजूर बोलिये जरा

बहक रहे हैं’ क्यूँ युवा, दवाब है वो’ कौनसा
सुलग रही है’ आग क्यूँ, हुजूर सोचिये जरा

समाज को न बाँटिये न जाति में न धर्म में
रखा न तोड़ने में’ कुछ हुजूर जोड़िये जरा

सजाइये न महफ़िलें, यहाँ पे रोज शाम को
कभी किसी के अश्रु भी, हुजूर पौंछिये जरा

चलाइये न हाथ मारिये न लात पेट पर
कभी गरीब की दुआ हुजूर लीजिये जरा

न नफरतें बढ़ाइये, गरीब में अमीर में
कभी तो’ बीज प्रेम के, हुजूर बोइये जरा

1 Comment · 276 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
खामोश किताबें
खामोश किताबें
Madhu Shah
प्रदूषन
प्रदूषन
Bodhisatva kastooriya
।।
।।
*प्रणय*
गर्मी और नानी का आम का बाग़
गर्मी और नानी का आम का बाग़
अमित
इश्क़ एक दरिया है डूबने से डर नहीं लगता,
इश्क़ एक दरिया है डूबने से डर नहीं लगता,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
सरकार से हिसाब
सरकार से हिसाब
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
सत्य का संधान
सत्य का संधान
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
"संकल्प-शक्ति"
Dr. Kishan tandon kranti
वाणी   को    रसदार   बना।
वाणी को रसदार बना।
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
* मंजिल आ जाती है पास *
* मंजिल आ जाती है पास *
surenderpal vaidya
अगर ठोकर लगे तो क्या, संभलना है तुझे
अगर ठोकर लगे तो क्या, संभलना है तुझे
Dr Archana Gupta
Pain of separation
Pain of separation
Bidyadhar Mantry
मदिरा वह धीमा जहर है जो केवल सेवन करने वाले को ही नहीं बल्कि
मदिरा वह धीमा जहर है जो केवल सेवन करने वाले को ही नहीं बल्कि
ओम प्रकाश श्रीवास्तव
"लोगों की सोच"
Yogendra Chaturwedi
मासुमियत - बेटी हूँ मैं।
मासुमियत - बेटी हूँ मैं।
ऐ./सी.राकेश देवडे़ बिरसावादी
ग़म
ग़म
shabina. Naaz
*राम मेरे तुम बन आओ*
*राम मेरे तुम बन आओ*
Poonam Matia
जुर्म तुमने किया दोषी मैं हो गया।
जुर्म तुमने किया दोषी मैं हो गया।
Ashwini sharma
मौहब्बत की नदियां बहा कर रहेंगे ।
मौहब्बत की नदियां बहा कर रहेंगे ।
Phool gufran
ज्ञानमय
ज्ञानमय
Pt. Brajesh Kumar Nayak / पं बृजेश कुमार नायक
गायब हुआ तिरंगा
गायब हुआ तिरंगा
आर एस आघात
भोले बाबा की कृप
भोले बाबा की कृप
Sarla Sarla Singh "Snigdha "
4475.*पूर्णिका*
4475.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
सत्य की खोज
सत्य की खोज
Akshay patel
तब गाँव हमे अपनाता है
तब गाँव हमे अपनाता है
संजय कुमार संजू
जीने का एक अच्छा सा जज़्बा मिला मुझे
जीने का एक अच्छा सा जज़्बा मिला मुझे
अंसार एटवी
न हँस रहे हो ,ना हीं जता रहे हो दुःख
न हँस रहे हो ,ना हीं जता रहे हो दुःख
Shweta Soni
खोदकर इक शहर देखो लाश जंगल की मिलेगी
खोदकर इक शहर देखो लाश जंगल की मिलेगी
Johnny Ahmed 'क़ैस'
ज़िन्दगानी में
ज़िन्दगानी में
Dr fauzia Naseem shad
आदमी का वजन
आदमी का वजन
पूर्वार्थ
Loading...