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29 Feb 2024 · 1 min read

हीर मात्रिक छंद

हीर मात्रिक छंद-विधान
कुल२३ मात्राएँ हैं
दो दो पद या चारो पद तुकान्त।
६,६,११ पर यति होता है।।
चरणांत – २१२ से एवं यति में पदानुप्रास अति आवश्यक है।

जब देखा , यह लेखा , बातें बेकार है |
सभी मौन , कहे कौन , फूटा यह द्वार है ||
जब सुयोग , हटें रोग , खिलते घर फूल है |
करो कर्म , नहीं शर्म , तब सब अनुकूल है ||

जब सपने , हो अपने , दुनिया अनुकूल है |
जो रोते , वह खोते , करते भी भूल है ||
है अपना , निज चलना , मंशा यदि साफ है |
जग कहता , जो तपता, वह खुद में माफ है ||

मुक्तक

हर घर में , दर-दर में , नेमत है बेटियां ,
खुशयाली , हरयाली , सेहत है बेटियां ,
ये रब की , हम सबकी,नूर ही सुभाष है ~
करे नाम , है धाम , देवत है बेटियां |

है उमंग , ह्रदय रंग , सजती है बेटियाँ ,
है विचार , मधुर प्यार, रहती है बेटियाँ ,
कह ‘सुभाष’ , हैं प्रकाश ,आँगन की शान भी
आस पास , शुभ उजास , करती है बेटियाँ |

सुभाष सिंघई

Language: Hindi
1 Like · 260 Views
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