हिसाब क्या रखें
जिंदगी ने दिया है जब इतना बेशुमार यहाँ,
तो फिर जो नहीं मिला उसका हिसाब क्या रखें ….
खुशी के दो पल काफी हैं, खिलने के लिये,
तो फिर उदासियों का हिसाब क्या रखें……
हसीन यादों के मंजर इतने हैं जिंदगानी में,
तो चंद दुख की बातों का हिसाब क्या रखें ……
मिले हैं फूल यहाँ इतने किन्हीं अपनों से,
फिर काँटों की चुभन का हिसाब क्या रखें …..
चाँद की चाँदनी जब इतनी दिलकश है,
तो उसमें भी दाग है,ये हिसाब क्या रखें…..
कुछ तो जरूर बहुत अच्छा है सभी में ,
फिर जरा सी बुराइयों का हिसाब क्या रखें….. !!
#किसानपुत्री_शोभा_यादव
31/12/2020