हिन्दू मुस्लिम एकता
क्या फर्क है हिन्दू मुसलमान में
दोनों ही तो एक इन्सान है,
अलग भले ही है मजहब इनका
पर इनसे ही तो भारत की शान है|
हर संगीत पर उठता अलग
ही एक साज है|
इन साजो में ही तो इनके एकता का
कोई न कोई राज है|
किन कारणों से इनपर मुझे
इतना क्यों नाज है,
क्योकि हर नवरात्र कों
हिन्दुओ के पंडालो पर गूंजती जिसकी मधुर गीत
वही माँ दुर्गे की कोकिला सहनाज़ है|
हरदिवाली (DIWALI) में है अली(ALI)
हर रमजान(RAMJAN) में है राम (RAM)
यही दृष्टि तो बनाती है की,
मेरा भारत महान|
माना की हनुमान को कहते बजरंग बली है,
ध्यान से देखोगे तो पाओगे कि,
बजरंग में भी अली है|
माना की गोकुल में रहता था एक मधुर मुरलीवाला
उधर मदीना में भी तो रहता था एक मधुरढपलीवाला
हिन्दू मुस्लिम में एकता लाने के लिए
सुनो यारो मैं क्या-क्या करूँगा,
हर मंदिर में रमजान की बधाइयाँ दूँगा
औरहर मस्जिद में दिवाली के दिए जलाऊंगा |