*हिन्दी भाषा*
विश्व की सारी भाषा जानो
सब की बाप तुम हिंदी मानो।
स्वामी जी ने भी रंग जमाया
अमेरिका में हिंदी को जगाया।
आत्मीय भाषा यह कहलाए
और अपनेपन का भाव जगाए।
भाव से शब्द पुकार के देखो
कि हृदय प्रेम सागर बन जाए।
हिंदुस्तान की शान है हिंदी
दादी मां की जुबान है हिंदी।
अरे मुन्ना मुन्नी रोज पुकारे
रिश्तो की पहचान है हिंदी।
गांव गांव का उत्थान हिंदी
और भारत का सम्मान हिंदी।
शिव डमरू की तान है हिंदी
संस्कृति की पहचान है हिंदी।
आपस का संवाद है हिंदी
मुखवाणी का साज है हिंदी।
कहां तक गाँऊ हिंदी की प्रभुता
जाे ओंकार में नाद है हिंदी।
प्रशांत शर्मा “सरल”
नेहरू वार्ड नरसिंहपुर
मो 9009594797