Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
25 May 2024 · 1 min read

बिरसा मुंडा

भारत की क्रांति का आगाज है बिरसा मुंडा,

जंगल पहाड़ों के बीच बसे गांवों से निकल कर आज़ादी लिखने वाला वो नौजवान है बिरसा मुंडा,

आत्मसम्मान की स्याही से पुरूषार्थ के पन्नों पर शौर्य की शब्दावली रचने वाले शेर है बिरसा मुंडा,

जल जंगल जमीन की रक्षा के लिए अंग्रेजों के नाकों चने चबवाने वाले क्रांतिकारी है बिरसा मुंडा।।

उबलते हुए खून की रवानी है बिरसा मुंडा,
इस देश की जवानी है बिरसा मुंडा,
अब तक सोए हुए थे जो आदिवासी,
उनके जाग उठने की कहानी है बिरसा मुंडा।

: राकेश देवडे़ बिरसावादी

Language: Hindi
2 Likes · 33 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
2327.पूर्णिका
2327.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
जिंदगी मौत से बत्तर भी गुज़री मैंने ।
जिंदगी मौत से बत्तर भी गुज़री मैंने ।
Phool gufran
दुमका संस्मरण 2 ( सिनेमा हॉल )
दुमका संस्मरण 2 ( सिनेमा हॉल )
DrLakshman Jha Parimal
जब बातेंं कम हो जाती है अपनों की,
जब बातेंं कम हो जाती है अपनों की,
Dr. Man Mohan Krishna
पढ़ना जरूर
पढ़ना जरूर
पूर्वार्थ
दोहा त्रयी. . . . शीत
दोहा त्रयी. . . . शीत
sushil sarna
अभिमानी सागर कहे, नदिया उसकी धार।
अभिमानी सागर कहे, नदिया उसकी धार।
Suryakant Dwivedi
उम्मीद की आँखों से अगर देख रहे हो,
उम्मीद की आँखों से अगर देख रहे हो,
Shweta Soni
सफलता का लक्ष्य
सफलता का लक्ष्य
Paras Nath Jha
निर्णय लेने में
निर्णय लेने में
Dr fauzia Naseem shad
स्वच्छ देश अभियान में( बाल कविता)
स्वच्छ देश अभियान में( बाल कविता)
Ravi Prakash
"तू अगर नहीं होती"
Dr. Kishan tandon kranti
खैरात में मिली
खैरात में मिली
हिमांशु Kulshrestha
ड़ माने कुछ नहीं
ड़ माने कुछ नहीं
Satish Srijan
मेरी माटी मेरा देश....
मेरी माटी मेरा देश....
डॉ.सीमा अग्रवाल
ती सध्या काय करते
ती सध्या काय करते
Mandar Gangal
कैसे हाल-हवाल बचाया मैंने
कैसे हाल-हवाल बचाया मैंने
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
मुद्दा
मुद्दा
Paras Mishra
ॐ
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
चित्र कितना भी ख़ूबसूरत क्यों ना हो खुशबू तो किरदार में है।।
चित्र कितना भी ख़ूबसूरत क्यों ना हो खुशबू तो किरदार में है।।
Lokesh Sharma
मन में क्यों भरा रहे घमंड
मन में क्यों भरा रहे घमंड
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
मानवीय कर्तव्य
मानवीय कर्तव्य
DR ARUN KUMAR SHASTRI
वर्तमान में जो जिये,
वर्तमान में जो जिये,
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
अपनी वाणी से :
अपनी वाणी से :
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
मैं तो अंहकार आँव
मैं तो अंहकार आँव
Lakhan Yadav
#छोटी_सी_नज़्म
#छोटी_सी_नज़्म
*प्रणय प्रभात*
बघेली कविता -
बघेली कविता -
Priyanshu Kushwaha
नश्वर है मनुज फिर
नश्वर है मनुज फिर
Abhishek Kumar
अकेले
अकेले
Dr.Pratibha Prakash
मुझे अब भी घर लौटने की चाहत नहीं है साकी,
मुझे अब भी घर लौटने की चाहत नहीं है साकी,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
Loading...