हिन्दी दोहा शब्द- फूल
2 हिंदी दोहा बिषय- “फ़ूल”
बगिया तो महके सदा,
ये फ़ूलों का काम।
मधुप प्रेम करता उसे,
होता क्यों बदनाम।।
महक सदा ही बांटता,
ज्यों बगिया में फ़ूल।
काम सदा ऐसे करो,
कभी न होबे भूल।।
फूल और कांटे सदा,
रहे पेड़ के पास।
फूल फूल सबने चुने,
कांटे रहे उदास।।
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राजीव नामदेव “राना लिधौरी” टीकमगढ़*
संपादक “आकांक्षा” पत्रिका
संपादक- ‘अनुश्रुति’ त्रैमासिक बुंदेली ई पत्रिका
जिलाध्यक्ष म.प्र. लेखक संघ टीकमगढ़
अध्यक्ष वनमाली सृजन केन्द्र टीकमगढ़
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