Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
31 Jan 2024 · 1 min read

हिज्र में रात – दिन हम तड़पते रहे

हिज्र में रात – दिन हम तड़पते रहे
ख्वाब पतझड़ के जैसे बिखरते रहे
ज़िंदगी में न सावन की आई बहार
नैन ही बादलों से बरसते रहे
डॉ अर्चना गुप्ता
31.01.2024

1 Like · 98 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Dr Archana Gupta
View all
You may also like:
लूट कर चैन दिल की दुनिया का ,
लूट कर चैन दिल की दुनिया का ,
Phool gufran
क्रिसमस से नये साल तक धूम
क्रिसमस से नये साल तक धूम
Neeraj Agarwal
पानी से पानी पर लिखना
पानी से पानी पर लिखना
Ramswaroop Dinkar
मुक्तक
मुक्तक
sushil sarna
में इंसान हुँ इंसानियत की बात करता हूँ।
में इंसान हुँ इंसानियत की बात करता हूँ।
Anil chobisa
मैं कोशिशों पर बार -बार लिखता हूँ ! मैं दोस्तों पर ऐतबार लिखता हूँ !
मैं कोशिशों पर बार -बार लिखता हूँ ! मैं दोस्तों पर ऐतबार लिखता हूँ !
Ravi Betulwala
आ जा उज्ज्वल जीवन-प्रभात।
आ जा उज्ज्वल जीवन-प्रभात।
Anil Mishra Prahari
६४बां बसंत
६४बां बसंत
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
मन  के बंद दरवाजे को खोलने के लिए
मन के बंद दरवाजे को खोलने के लिए
Meera Thakur
रमेशराज के शिक्षाप्रद बालगीत
रमेशराज के शिक्षाप्रद बालगीत
कवि रमेशराज
हँसकर जीना दस्तूर है ज़िंदगी का;
हँसकर जीना दस्तूर है ज़िंदगी का;
पूर्वार्थ
पूछो ज़रा दिल से
पूछो ज़रा दिल से
Surinder blackpen
मैंने जिसे लिखा था बड़ा देखभाल के
मैंने जिसे लिखा था बड़ा देखभाल के
Shweta Soni
जन्मदिन पर लिखे अशआर
जन्मदिन पर लिखे अशआर
Dr fauzia Naseem shad
"शाही व्यंजन"
Dr. Kishan tandon kranti
अंधविश्वास से परे प्रकृति की उपासना का एक ऐसा महापर्व जहां ज
अंधविश्वास से परे प्रकृति की उपासना का एक ऐसा महापर्व जहां ज
ब्रजनंदन कुमार 'विमल'
दुःख बांटने से दुःख ही मिलता है
दुःख बांटने से दुःख ही मिलता है
Sonam Puneet Dubey
बुंदेली दोहा
बुंदेली दोहा
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
वसंत बहार
वसंत बहार
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
*नहीं फेंके अब भोजन (कुंडलिया)*
*नहीं फेंके अब भोजन (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
अपनी चाह में सब जन ने
अपनी चाह में सब जन ने
Buddha Prakash
बिखर के भी निखरना है ,
बिखर के भी निखरना है ,
Neeraj kumar Soni
नए सफर पर चलते है।
नए सफर पर चलते है।
Taj Mohammad
नमन साथियों 🙏🌹
नमन साथियों 🙏🌹
Neelofar Khan
मां तेरा कर्ज ये तेरा बेटा कैसे चुकाएगा।
मां तेरा कर्ज ये तेरा बेटा कैसे चुकाएगा।
Rj Anand Prajapati
हमारा देश
हमारा देश
SHAMA PARVEEN
■हरियाणा■
■हरियाणा■
*प्रणय*
मेरे “शब्दों” को इतने ध्यान से मत पढ़ा करो दोस्तों, कुछ याद र
मेरे “शब्दों” को इतने ध्यान से मत पढ़ा करो दोस्तों, कुछ याद र
Ranjeet kumar patre
भरी रंग से जिंदगी, कह होली त्योहार।
भरी रंग से जिंदगी, कह होली त्योहार।
Suryakant Dwivedi
काश...
काश...
हिमांशु Kulshrestha
Loading...