हिचकी
सांझ सवेरे जब भी हिचकी आती है।
तुमने याद किया होगा सोच सोच रुक जाती है।।
क्या यह केवल मेरा भ्रम है या फिर अटल विश्वास?
समझ नही आता तो छूट जाती है उश्रंखल उच्छास।।
फिर शुरू हो जाता है अगणित स्मृतियों का आलिंगन।
आम की बगिया,सावन के झूले,नदिया और तुम्हारा चुंबन।।