धैर्यहीन मनुज
धैर्यहीन होने वाले मनुज
हर कृत्य करते निकृष्ट हैं
धैर्यहीन को न्यास दो
कृत्य स्वंय उचित हो जाएँगे।
धैर्य एक निरंकुश है ,
इसको अंकुश करना पड़ता ,
धैर्य पर अंकुश करने वाला ,
मंजिल पर प्रभुत्व करता है।
वक्त भी विवेचना लेता ,
धैर्यता की हमारी है ,
इसमें उत्तीर्ण होने वाला ,
सफलता को लहता है।
धैर्यहीन मनुज ही भुवन में ,
सदा असफलता लहता है ,
पर धैर्यता वाला मनुज ,
हमेशा सफलता लहता है।
हयात में सफलता लहना है तो
धैर्यता पर अंकुश लगाना होगा।
✍️✍️✍️उत्सव कुमार आर्या