हिंद देश की जय भारती (महिला दिवस पर विशेष “कविता”)
आज गाँव की हर लड़की देख रही सपना
पुलिस की ट्रेनिंग लेकर देश में नाम करें अपना
प्रयास करेंगे हम अपने दम पर
दिखा देंगे दुनिया को अपना हुनर
रूढ़िवादी मानसिकता की परवाह किए बिना
बढ़ना है आगे
पहनकर वर्दी चलना है पुरुष सैनिकों के संग
इस कड़ी ताकत को देख दुश्मन भी भागे
नित नई उम्मीदें लिए उमंगता को रखना है कायम
निडर होकर सामना करने की खाई है हमने कसम
सरकार को महिलाओं को युद्ध की वर्दी में लाना है जरूरी
भारतीय सशस्त्र बलों में लैंगिक असमानता की कम होगी दूरी
महिलाओं का लिया हुआ संकल्प पूरा करने का है कुछ अर्थ
नौसेना की पनडुब्बियों व सेना के टैंकों पर उनको तैनात करने में होंगे समर्थ
भारतीय वायु सेना में महिला लड़ाकू पॉयलटों को किया है शामिल
गंभीरता से काम कर रही ये
देश के लिए काबिल
गर उनको युद्धक भूमिका की अनुमति दी जाएगी
भारतीय वीर सैनिकों की वीरता में अपार गति आएगी
अब महिलाएं निकल पड़ी है करने हर चुनौती का सामना
उन्होंने भी सीख लिया है निडर होकर हर भूमिका को निभाना
जय हिंद जय भारत के जयकारे हैं लगाती
यहीं तो हैं हिंद देश की जय भारती
आरती अयाचित
भोपाल