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21 Sep 2021 · 2 min read

हिंदुत्व के खिलाफ खौफनाक विष-वमन

बुद्धि जीवियों का चोला ओढ़े चरम पंथी
आयातित विचारों बाले वामपंथी
पश्चिमी मजहब धर्म परिवर्तन कराने वाले
भाड़े के धर्मनिरपेक्ष तथाकथित मतावलंबी
हिन्दुओं के खिलाफ कितना विष-वमन करोगे?
१०से१२सितम्बर के बीच “डिस्मैंटलिंग ग्लोबल हिंदुत्व” आनलाइन सेमिनार आयोजित हुई
भारत विरोधी मुहिम को अंतरराष्ट्रीय मंच देने की कोशिश हुई
आयोजक गुमनाम रहे,वक्ता देखिए कौंन रहे?
आडीट़श्क जो औरंगजेब को संत बताती है
आनंद पटवर्धन जो रामजन्म भूमि पर
जहरीली डाक्यूमेंट्री बनाते हैं
कविता कृष्णन जो रक्षाबंधन को हत्यारों का त्योहार बताती है
नंदिनी सुंदर जो नक्सलियों की समर्थक है
नेहा दीक्षित जो आर एस एस पर ह्युमन ट्रैफिकिंग का बेहूदा आरोप लगाती है
मीना केडास्वामी जो ब्राह्मणों को गालियां देती है
अन्य वक्ताओं में भी सब वामपंथी धुर हिंदू विरोधी थे
सबके सब ही भारतीय समाज को जात पात पर
तोड़ने वाले थे
कश्मीर में हिन्दुओं के दमन हत्याओं पर चुप्पी साधे रहते हैं
केरल पश्चिम बंगाल में एक शब्द नहीं कहते हैं
विना बजह एन आर सी पर खून के आंसू रोते हैं
बौद्धिकता का लबादा ओढ़े एजेंडे विष-वमन करते हैं
लेखन, अनुसंधान, व्याख्यान सेमिनार में विष-वमन करते हैं
स्वयंसेवक संघ जैंसे राष्ट्रभक्त संस्कारित संगठनों को
खलनायक पेश करते हैं
कुटिल और बेईमान हिन्दू धर्म को आहत करते हैं
भारतीय संस्कृति को, भारतीय दर्शन ज्ञान को
अंतरराष्ट्रीय मंचों पर हिंन्दु के खिलाफ घृणा फैलाते हैं
भारतीय शैक्षणिक संस्थानों से लेकर पश्चिम के शैक्षणिक संस्थानों तक, घृणा भड़कानेवाला माहौल बनाते हैं
वामपंथी सहयोग से कब-तक हिंदुओं को बदनाम करोगे?
सुनो आक्रांताओं को संत बताने बालों
सुनो गलत इतिहास बताने बालों
मुस्लिम आक्रांताओं ने हिंदू विरोध और घृणा
तलवार से प्रकट कर डाली
पश्चिमी लेखक बुद्धि जीवियों ने संस्थागत विचार गत रूप में भर डाली
मिशनरियों के माध्यम से मतांतरण भारत में मेरे कर डाली
साम दाम दण्ड भेद से भोली जनता बदल डाली
हिंसक मंसूबों को मानवता सहिष्णुता शांति प्रियता
के अलंकार में गढ़ डाली
आज भी बिध्वंसक शक्तियां भारतीय समाज को तोड़ रहीं हैं
जाति धर्म और ऊंचनीच अगड़ा पिछड़ा में बांट रहीं हैं
बर्ष १००९ महमूद गजनवी के आक्रमण से
१५२६ पानीपत की पहली लड़ाई के बीच लगभग
८ करोड़ हिन्दू आक्रांताओं द्वारा मारे गए
अब्दाली के आक्रमण में हताहतों की संख्या
२ करोड़ जोड़ी जा सकती है
चित्तौड़गढ़ नोआखली सोमनाथ हिंदुकुश पर्बत श्रंखला उपमहाद्वीप का इतिहास भीषण नरसंहारों का गवाह है
भारत पर मुस्लिम आक्रमण मानव इतिहास का सबसे खूनी अध्याय है
आवश्यकता है इनके कुत्सित प्रयास विफल करने के
छुपे हुए मंसूबों को पहचान ध्वस्त करने के
सुरेश कुमार चतुर्वेदी

Language: Hindi
3 Likes · 4 Comments · 236 Views
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