हिंदी
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लाचारी और व्यंग दिखता है नयनों में, चिंतन को ह्रदय हुआ विवश l
14 सितंबर आ गया फिरसे,देखो हम मना रहे हैं हिंदी दिवस l
आज की हिंदी बनी बाज़ार की हिंदी,उदार और लोचदार ,
जिसमें नित लगा रहे हम अंग्रेजियत का छोंक -बघार l
आज की हिंदी गई पार्लर new look ले आई l
आधे न की हटा नथनिया माथे बिंदी सजाई l
हिंदी को सुन मिली एक दिन,एक duplicate अलबेली l
आधी english आधी हिंदी है नई पीढी की खास सहेली l
किसी बात पर हँसना हो तो लिख देते हैं LOL
short फोर्म में बातें करते,खत्म हुए सब बोल l
सूट dupatta,jeans के आगे लगता इनको common
हिंदी लिखना भूल गये हैं,लिख लिख message roman .
नीलम शर्मा