हिंदी
हिंदी की कहाँ बदल रही अवधारणl?
हर राज्य की है अपनी राजभाषा की ताड़ना!!
आज तक हिंदी नहीं बनी राष्ट्रभाषा!
तमिल,तेलगू,बांग्ला, कन्नड़, पंजाबी राज भाषा!!
राजभाषा से नहीं होगा संपूर्ण व्यापक उद्देश्य!
सभी समाज में हिंदी समरस बने हमारा उद्देष्य!!
गैर हिन्दी छेत्र मे अधिक से अधिक सांस्कृतिक गतिविधि बढ़े!
धीरे-धीरे उन छेत्रो में हिंदी परवान चढ़े!!
आज हिंदी दिवस पर संकल्प ले अपनी सामाजिक छेत्र गतिविधियां बढ़ाएं!
ताकी गैर हिंदी छेत्रवाले अपनी मातृभाषा से ज्यादा हिंदी अपनाएं!!
बोधिसत्व कस्तूरिया एडवोकेट कवि पत्रकार सिकंदरा आगरा 282007 मोबाइल 9412443093