हिंदी हमारा अभिमान
हिन्दी हमारा अभिमान
हिन्दी है एक मातृभाषा,मातृत्व का अभिमान है,
ये है ऋषि मुनियों की पूंजी,ज्ञान का संधान है,
है संस्कारों की परिपाटी,हमारे हिन्दुत्व की पहचान है,
है इसमे देश की मिट्टी की खुशबू ,देवताओं का वरदान है,
प्यार का अमृत भरा, अलंकारों से परितृप्त है,
देश प्रेम की भावना से, पूर्णता संतृप्त है,
और भी भाषाओं की जननी, है इसे कहा गया,
एक माता में जैसे, प्यार का रस है भरा हुआ,
है ये एक राष्ट्र भाषा, राष्ट्र का विकास है ,
है इस भाषा से गौरवान्वित देश और समाज है,
बोलने मे है सरल, मीठे शब्दों का स्वरूप है,
वाक्पटुता में चंचल और चातुर्यता खूब है,
कोई भी भाषा का, करती नहीं अपमान मैं,
बस मेरी हिन्दी को देती हूँ विशेष स्थान मैं,
हिन्दी से ही साहित्य और साहित्यकार की पहचान है,
हम सबका ये सम्मान है,सर्व गुणों की खान है,
हिन्दी है मातृभाषा,मातृत्व का अभिमान है !!!