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4 Aug 2023 · 1 min read

हिंदी साहित्य का स्तर / musafir baitha

कुछ लोग परेशान हैं कि हिंदी साहित्य का स्तर गिरा जा रहा है। भई, साहित्य कब गिरा नहीं रहा है? गिरे साहित्य की बोहनी तो वेद, पुराण, स्मृति से ही हो गयी थी जिसे वाल्मीकि, तुलसीदास ने भी ढोया।

आधुनिक काल में आजकल की बात करें तो जब साहित्य के नाम पर सवर्ण-हल्ला ही जारी रहेगा और चलेगा तो यही सब होगा। सवर्णों के अपने अपने खेमे हैं, सुंदर सुंदर नाम से, और, अनाम भी!

Language: Hindi
60 Views
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