Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
2 May 2024 · 1 min read

हिंदी भाषा

हिंदी भाषा मधुर है अति,
विश्व भर में है इसकी ख्याति ।
विदेश में भी हिंदी का ले रहे हैं ज्ञान,
अपने ही देश में रहकर क्यों ना देते हम इसे सम्मान ।
अहिंदी- हिंदी भाषी राज्य अभी भी क्यों बंटें हुए हैं,
लोग क्यों अपने देश की भाषा को नहीं अपना रहे हैं।
अंग्रेजों के अत्याचार हम खुब सहे थे ,
लेकिन उनकी भाषा को क्या हम छोड़ सके हैं ?
देश के हर प्रांत को जोड़ सकती है हिंदी,
आखिर किस बात की है इसमें आपत्ति ।
हिंदी भाषा हर भाषाओं के शब्दों को अपना लेती है,
हर राज्यों को जोड़ देश को एकजुट बना सकती हैं।
मातृभाषा सबकी अलग-अलग हो सकती है ,
लेकिन राष्ट्रभाषा राष्ट्र के गौरव को बढ़ाती है ।
हमें गर्व है अपने देश की भाषा से ,
बुलंद स्वर में हिंदी है हम कहेंगे।

—-उत्तीर्णा धर

Language: Hindi
1 Like · 29 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
यादें
यादें
Dipak Kumar "Girja"
सत्य की खोज
सत्य की खोज
SHAMA PARVEEN
चैत्र नवमी शुक्लपक्ष शुभ, जन्में दशरथ सुत श्री राम।
चैत्र नवमी शुक्लपक्ष शुभ, जन्में दशरथ सुत श्री राम।
Neelam Sharma
#ग़ज़ल-
#ग़ज़ल-
*प्रणय प्रभात*
याद रखेंगे सतत चेतना, बनकर राष्ट्र-विभाजन को (मुक्तक)
याद रखेंगे सतत चेतना, बनकर राष्ट्र-विभाजन को (मुक्तक)
Ravi Prakash
खूबसूरत लम्हें जियो तो सही
खूबसूरत लम्हें जियो तो सही
Harminder Kaur
राममय दोहे
राममय दोहे
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
"अमीर खुसरो"
Dr. Kishan tandon kranti
16.5.24
16.5.24
sushil yadav
ये भावनाओं का भंवर है डुबो देंगी
ये भावनाओं का भंवर है डुबो देंगी
ruby kumari
Loving someone you don’t see everyday is not a bad thing. It
Loving someone you don’t see everyday is not a bad thing. It
पूर्वार्थ
गणेश वंदना
गणेश वंदना
Sushil Pandey
पर्वतों से भी ऊॅ॑चा,बुलंद इरादा रखता हूॅ॑ मैं
पर्वतों से भी ऊॅ॑चा,बुलंद इरादा रखता हूॅ॑ मैं
VINOD CHAUHAN
कागज़ से बातें
कागज़ से बातें
krishna waghmare , कवि,लेखक,पेंटर
खुश मिजाज़ रहना सीख लो,
खुश मिजाज़ रहना सीख लो,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
ఓ యువత మేలుకో..
ఓ యువత మేలుకో..
डॉ गुंडाल विजय कुमार 'विजय'
जो कर्म किए तूने उनसे घबराया है।
जो कर्म किए तूने उनसे घबराया है।
सत्य कुमार प्रेमी
अक्षर ज्ञान नहीं है बल्कि उस अक्षर का को सही जगह पर उपयोग कर
अक्षर ज्ञान नहीं है बल्कि उस अक्षर का को सही जगह पर उपयोग कर
Rj Anand Prajapati
अर्जुन सा तू तीर रख, कुंती जैसी पीर।
अर्जुन सा तू तीर रख, कुंती जैसी पीर।
Suryakant Dwivedi
जै जै जै गण पति गण नायक शुभ कर्मों के देव विनायक जै जै जै गण
जै जै जै गण पति गण नायक शुभ कर्मों के देव विनायक जै जै जै गण
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
जीवन में कुछ बचे या न बचे
जीवन में कुछ बचे या न बचे
PRADYUMNA AROTHIYA
इंसान ऐसा ही होता है
इंसान ऐसा ही होता है
Mamta Singh Devaa
संस्कार में झुक जाऊं
संस्कार में झुक जाऊं
Ranjeet kumar patre
रमेशराज की पद जैसी शैली में तेवरियाँ
रमेशराज की पद जैसी शैली में तेवरियाँ
कवि रमेशराज
!! रे, मन !!
!! रे, मन !!
Chunnu Lal Gupta
अमीरों का देश
अमीरों का देश
Ram Babu Mandal
आज़माइश कोई
आज़माइश कोई
Dr fauzia Naseem shad
गंगा- सेवा के दस दिन (सातवां दिन)
गंगा- सेवा के दस दिन (सातवां दिन)
Kaushal Kishor Bhatt
2849.*पूर्णिका*
2849.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
जीवन के हर युद्ध को,
जीवन के हर युद्ध को,
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
Loading...