हिंदी दोहे
हिंदी को अपनाइए,भाषा बड़ी महान।
संस्कारों से जोड़ती,भारत का अभिमान।।
अपनापन है बोलता, शब्द में है मिठास।
प्रेम मधुरता घोलती,हिंदी तो है खास।।
कविता में है जो बसे, गीतों का है मान।
छंदों में बस झूमती,दोहों की ये जान।।
स्वर व्यंजन के मेल से,हिंदी का हो ज्ञान।
अलंकार गहना बने,मात्रा से है जान।
भारत वासी प्रेम करे,दिल माही हो प्रीत।
हिंदी को दे मान जो,पूरा जग ले जीत।।