“हिंदी” देश का गौरव
चार लाईन:–
गौरव है हमारा, हमारी राष्ट्रभाषा,सबसे सरल है, हिंदी की परिभाषा
इसमें ही राष्ट्रगान और राष्ट्रगीत है,हिंदी ही तो, कवियों के मन का मीत है
कविता:—-
हिंदी गीत है, हिंदी प्रीत है,हिंदी, सबके मन की मीत है
हिंदी सुर है, हिंदी ताल है,हिंदी ही सुगम संगीत है
हिंद का मान, भारत की शान,हिंदी से ही, सबका सम्मान है
हिंदी से तान है, हिंदी गान है,हिंदी ही हमारा ,प्रतिमान है
हिंदी खेल है, हिंदी से मेल है,हिंदी ही सर्वस्व ,परमधर्म है
हिंदी ध्येय है, परम श्रद्धेय ,हिंदी ही भाषाओं का श्रेय है
हिंदी अपभ्रंश है,संस्कृत का अंश है,हिंदी ही तो, परमहंस है
हिंदी तरल है हिंदी सरल है,हिंदी अलंकार, छंद व्याकरण है
जुड़े हुए हिंदी के तार है,हम को हिंदी से ही प्यार है
हिंदी सब भाषा का सार है,हिंदी से ही हमारे संस्कार है
हिंदी मे लय है, हिंदी विलय है,हिंदी ही हमारा, हिमालय है
हिंदी की शय, हिंदी समन्वय
हिंदी राष्ट्र का निलय है
हिंदी भाषा, हिंदी परिभाषा,हिंदी ही मन की अभिलाषा है
हिंदी आशा है,राष्ट्र-भाषा है,हिंदी सबकी प्राण-पिपासा है
मन हिंदी को अर्पण है,हिंदी ही हमारा, दर्पण है
हिंदी से ,सबका तर्पण है,हिंदी को ही भाव समर्पण है
हिंदी भाव है, हिंदी प्रभाव हैहिंदी ही राष्ट्र का सद्भाव है
हम भारतवासी के मन मे,हिंदी का, कर लिया चुनाव है
हिंदी तन है, हिंदी मन है,हिंदी का लहरा परचम है
हो हिंदी देश में,हिंदी विदेश मे,हिंदी मे ही लिखे संदेश हो
हिंदी ज्ञान , हिंदी विज्ञान है,हिंदी ही संज्ञा, सर्वनाम है
हिंदी ध्यान, हिंदी संज्ञान है,हिंदी ही करतल का रूझान है
मन में हिंदी का वास हो,हिंदी विश्वास हो
भरा सबमें उल्लास हो,हिंदी ही सबसे खास हो
……
आखरी लाईन:—
हिंदी बोलो, हिंदी सुनो,सबसे पहले हिंदी चुनो
हिंदी समझो, हिंदी जानो,महत्व हिंदी का, तुम भी पहचानो
क्यों करते हो, अंग्रेजी पर गुमान,है हिंदी हमारी सबसे महान,जय हिंद, जय भारत,
स्वरचित , मौलिक,
रेखा कापसे
होशंगाबाद मप्र,