हिंदी दिवस पर ग़ज़ल
हिंदी दिवस पर ग़ज़ल
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मेरा अभिमान है हिंदी हमारी शान है हिंदी।
हमें भाषा सभी प्यारी, हमारी जान है हिंदी।
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संस्कृत है इसकी जननी बहन इसकी है उर्दू भी।
बोलकर तुम इसे देखो बड़ी आसान है हिंदी।
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हमारी राजभाषा भी हमारी मातृभाषा भी।
पढ़ो लिखो सब हिंदी में,ज्ञान का खान है हिंदी।
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सभी भाषाओं का सम्मान है इस देश भारत में।
किसी भाषा को लेकर किस लिए कुर्बान है हिंदी।
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बताओ सिर्फ हिंदी के लिए हिंदी दिवस क्यों है?
मातृभाषा नहीं हिंदी,हमारी प्राण है हिंदी।
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“सगीर” भाषा सभी समृद्ध होती व्याकरण से है।
बड़े गौरव की भाषा है बड़ी धनवान है हिंदी।
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डाoसगीर अहमद सिद्दीकी खैरा बाजार बहराइच