Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
8 Jan 2019 · 1 min read

हास्य रचना

—-ग़ज़ल—-
होकर रहेगी अपनी अब जग हँसाई शायद
आफ़त है जिसको हमनें समझा लुगाई शायद

जब से वो आई घर में ख़ामोश हर ज़बां है
लगता है उसने की हो सबकी पिटाई शायद

वो हाथ भी बढाए मेरी तरफ ज़रा सा
लगता है मुझको ऐसे अब मौत आई शायद

हर वक़्त वो डराये मैके का नाम लेकर
जैसे की ऐंड़टेकर उसका हो भाई शायद

निकली करैले जैसी कड़वी जिसे कि मैंने
समझा था छेना बर्फी और रसमलाई शायद

पोकेट से मेरी पैसे ऐसे निकालती है
उसके ही बाप की हो जैसे कमाई शायद

“प्रीतम” ये लग रहा है शादी न की है जिसने
उसको पता था बीवी होती कसाई शायद

प्रीतम राठौर भिनगाई
श्रावस्ती (उ०प्र०)

422 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
"असम्भव"
Dr. Kishan tandon kranti
रमेशराज की कविता विषयक मुक्तछंद कविताएँ
रमेशराज की कविता विषयक मुक्तछंद कविताएँ
कवि रमेशराज
जेठ सोचता जा रहा, लेकर तपते पाँव।
जेठ सोचता जा रहा, लेकर तपते पाँव।
डॉ.सीमा अग्रवाल
धर्म निरपेक्षी गिद्ध
धर्म निरपेक्षी गिद्ध
AJAY AMITABH SUMAN
नींद कि नजर
नींद कि नजर
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
बाल दिवस विशेष- बाल कविता - डी के निवातिया
बाल दिवस विशेष- बाल कविता - डी के निवातिया
डी. के. निवातिया
प्यार से मिला करो
प्यार से मिला करो
Surinder blackpen
4203💐 *पूर्णिका* 💐
4203💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
आख़िर उन्हीं २० रुपयें की दवाई ….
आख़िर उन्हीं २० रुपयें की दवाई ….
Piyush Goel
कहावत है कि आप घोड़े को घसीट कर पानी तक ले जा सकते हैं, पर म
कहावत है कि आप घोड़े को घसीट कर पानी तक ले जा सकते हैं, पर म
इशरत हिदायत ख़ान
प्रकृति और मानव
प्रकृति और मानव
Kumud Srivastava
मुक्तक
मुक्तक
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
हर एक सांस सिर्फ़ तेरी यादें ताज़ा करती है,
हर एक सांस सिर्फ़ तेरी यादें ताज़ा करती है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
आलेख-गोविन्द सागर बांध ललितपुर उत्तर प्रदेश
आलेख-गोविन्द सागर बांध ललितपुर उत्तर प्रदेश
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
दुश्मन कहां है?
दुश्मन कहां है?
डॉ विजय कुमार कन्नौजे
* आ गया बसंत *
* आ गया बसंत *
surenderpal vaidya
गॉधी शरणम् गच्छामि
गॉधी शरणम् गच्छामि
Jeewan Singh 'जीवनसवारो'
पिता
पिता
Swami Ganganiya
डॉ अरुण कुमार शास्त्री - एक अबोध बालक - अरुण अतृप्त
डॉ अरुण कुमार शास्त्री - एक अबोध बालक - अरुण अतृप्त
DR ARUN KUMAR SHASTRI
मैंने नींदों से
मैंने नींदों से
Dr fauzia Naseem shad
प्रेम
प्रेम
Sushmita Singh
*** तूने क्या-क्या चुराया ***
*** तूने क्या-क्या चुराया ***
Chunnu Lal Gupta
एक चाय तो पी जाओ
एक चाय तो पी जाओ
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
बहुत धूप है
बहुत धूप है
sushil sarna
शब्द ही...
शब्द ही...
ओंकार मिश्र
दुःख इस बात का नहीं के तुमने बुलाया नहीं........
दुःख इस बात का नहीं के तुमने बुलाया नहीं........
shabina. Naaz
सत्य की खोज
सत्य की खोज
लक्ष्मी सिंह
■ welldone
■ welldone "Sheopur"
*प्रणय*
Aaj Aankhe nam Hain,🥹
Aaj Aankhe nam Hain,🥹
SPK Sachin Lodhi
देख कर
देख कर
Santosh Shrivastava
Loading...