~~~ हास्य कविता – एक बकरी की मौत टली ~~~
मैं रास्ते से आ रहा था ,
मस्ती मे गा रहा था ,
तभी मैंने देखा कि एक बकरी किचड़ मे फसी हैं ,
उसका पूरा शरीर पानी मे ,
गले मे सिर्फ रसी हैं ,
वह तड़प – तड़प के मिमिया रही थी ,
ऐसा लगता था कि , दर्द का कोई गीत गा रही थी ,
बकरी को तड़पता देख मुझसे रहा नही गया ,
मैं धीरे – धीरे कीचड़ मे उतर गया ,
किचड़ मे उतर कर मैंने बकरी के कान पकड़ कर खिचा ,
बकरी आ गई सड़क के नीचा ,
बकरी के सर से मौत टल गयी ,
मैं धीरे – धीरे अपनी मंजिल की ओर निकल गया ,
लोगों ने कहा, तुमने वक्त गवाया हैं ,
मैंने मुस्कराते हूए कहा कि नहीं भाई मैंने बकरी की जान बचायी हैं !