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14 Feb 2024 · 1 min read

हालातों में क्यूं हम

हालातों में क्यूं हम
रिश्तों पर शिकायत यूं करते हैं
दर्द है ये अपने ही
क्यूं दूसरों से बयां हम करते हैं

जिंदगी है उदास क्यूं हर वक़्त
खुद से कहां हम करते हैं
मैफिले सजती है सिर्फ खुशियों की
क्यूं दर्द में हमें अपने ही काम आते हैं

छूटती है हातों से लकीरे किस्मत की
क्यूं भगवान को हम दोषी ठहराते हैं
कमी रह गयी क्या हम में थोडी़ सी
क्यूं ये अपने अकल से नहीं पूछते हैं

क्यूं हमें इस क्यूं का
मतलब नहीं हैं समझता
जैसे खोया हुआ पल
फिर से वापस नहीं हैं मिलता

Language: Hindi
49 Views
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