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17 May 2024 · 1 min read

हार से भी जीत जाना सीख ले।

ग़ज़ल

2122/2122/212
हार से भी जीत जाना सीख ले।
तू गमों से प्यार करना सीख ले।

गम न कर गिरने का तू बस चलता जा,
गिरने से पहले सॅंभलना सीख ले।

जिंदगी में चाहिए थोड़ा शुकू’न
दीन दुखियों को हॅंसाना सीख ले।

तू नहीं डूबेगा बस इतना तो कर,
दरिया में भी तैर जाना सीख ले।

भूख महगाई न कुछ कर पाएगी,
देश हित में घास खाना सीख ले।

जिंदगी प्रेमी के जैसी चाहिए,
प्यार देना प्यार पाना सीख ले।

……..✍️ सत्य कुमार प्रेमी

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